कुछ चुनिंदा नज़्में, जो इश्क़ की मीठी चाशनी में लबरेज़ हैं तो वहीं कुछ सामाजिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ अपने मन के उदगार बयान करते, मौसिक़ी के आयाम। चार मौसम और उसमें समाहित जीवन के नवरसों का संभार, तो कुछ मन में उमड़ते-घुमड़ते, अनकहे जज़्बातों का चित्रण। जीवन का सार बयान करते अनुभवों का अहसास, तो यादों की सुनहरी गलियों से गुजरती, भीनी पुरकशिश अरदास।
कुछ ग़मगीन ज़माने, चंद हसीन अफ़साने समेटता, जीवन के छोटे-बड़े पलों का सफ़रनामा। इन यादों के ख़ूबसूरत लम्हात को एक सूत्र में पिरोती ‘खट्टी मीठी बतियाँ’। एक छोटी सी, प्यारी पेशकश है।